हाँ हैं बहुत झुट्ठे मगर,आप भी दूध के धुले नही,अगर होते दूध के धुले तो,आप गवाही देते नहीं फिरते।। हाँ हैं बहुत कमी मगर,आप भी चाँद की चांदनी नहीं,अगर होते आप परिपूर्ण तो,आप पर चाँद की तरह दाग नहीं होते।। हाँ हैं बहुत बुरे मगर,आप भी कुछ अच्छे नहीं,अगर होते आप अच्छे तो,सरेआम हमें बुराContinue reading “अगर-मगर”
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परिवार बनाम शत्रु
रक्त पिपासु थे शत्रु मगर,अपनो जितने नहीं,उन्होंने तो बदन चीरा मगर,अपनों ने तो कलेजा चीर निकाला।। कहते हैं लोग जालिम होते हैं मगर,अपने भी कहा काम होते हैं,लोग तो धन दौलत खाते हैं मगरअपने तो घर बार खा जाते हैं।। शत्रु का धर्म हैं छल करना मगर,अपनो का धर्म हैं अपनाना,शत्रु भी पिघल जाते हैंContinue reading “परिवार बनाम शत्रु”
Karma
Karma has no deadline it’s infinity.
बेटी को न्याय
बेटी को न्याय देखा रात में एक सपना था, उठी मानकर अपना था।फटकार सुनी तड़के उठकर, कैसी विपदा को आना था।। पापा को माँ से कहते सुना, छोरी अपनी अठारह में खड़ी।बात सगाई की सुनते ही, कॉलेज की ओर मैं दौड़ खड़ी।कॉलेज का फाटक निकट सामने, मानो बहुत हूँ दूर खड़ी।सहेलियों संग अठखेली करती, देखोContinue reading “बेटी को न्याय”
अधूरा साथ…😢
रुख़शत कर गए हमारी जिंदगी से,मगर इक दिन तो जाना था,चले जाना था जल्दी मगर,इतना जल्दी नहीं कि चंद घंटों में। सब्र नहीं था आपको मगर,हमें तो बतलाना था,लफ्ज़ बोलकर तो नही मगर,इशारों में तो समझना था। अनजान इशारे किये होंगे मगर,हम तो अनजाने में अनजाने थे,हम दुआ कर सकते हैं मगर,हर जगह आपके अफ़सानेContinue reading “अधूरा साथ…😢”
अंधा भारत
गज़ब अमर भावना की, एक निराली सी परिपाटी हैं।उस अजब निराली परिपाटी की, शौणित हमारी माटि हैं।। राजस्थान की धरती पर, साँगा वीर प्रताप हुए।घमासान सियासी धरती पर, नित हरामी जयचंद हुए।। लोक लाज की रक्षा हेतू, कितने वीर शहीद हुए।सियासत के पगफेरों में, कितने लोक शरीक हुए।। अरे कुछ चंद रुपये ले लेते, देशContinue reading “अंधा भारत”
कश्मीर …..??
काश्मीर के मुदों पर चर्चा रोज हजार हुईं!वो चर्चा एक अभिमानी थी,वो चर्चा एक लाचारी थी,वो चर्चा एक मजबूरी थी,वो चर्चा एक बीमारी थी,वो चर्चा एक अधूरी थी,वो चर्चा एक अधूरी हैं। घाटी के पत्थरबाजों की मनसा थी गद्दारी सी!कह दिया मीडिया अखबारों ने,उन आतंकी गद्दारों पर,क्यों रोज फेंकते पत्थर थे?उन मुस्तेदी पहरेदारों पर।वो रोजContinue reading “कश्मीर …..??”
