भारत का गौरव गान सुनकर,सबकी लार टपकती हैं,तुम्हें क्या चाहिये भारत माता से?अब खुलकर के बतलाओ भी,भारत के अमर जवानों को,कब तक तुम आँख दिखाओगे,भारत के सोये सिंह जागे तो,यकीनन खलिस्ताँ कहलाओगे।। हम संवाद भूलकर अब वार करते हैं,हम आतंकवाद का तिरस्कार करते हैं।ए पाकिस्तान तब तक तू नही मानेगा,हम पाकिस्तान का बहिष्कार करते हैं।।Continue reading “खलिस्ताँ”
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अफ़साने
वो रुत गयी, वो जामने गए,वो अपने, वो पराये हो गए,वो हमसफ़र, वो बेगाने हो गए,वो काबू से, बेकाबू हो गए।। वो रिश्तों के धागे कच्चे हो गए,वो अपनों के बंधन अफ़साने हो गए।। वो रात गयी, वो दिन गए,वो साथी, वो बेसाथी हो गए,वो लोग, वो अनजाने हो गए,वो अनुज से, अग्रज हो गए।।Continue reading “अफ़साने”
अगर-मगर
हाँ हैं बहुत झुट्ठे मगर,आप भी दूध के धुले नही,अगर होते दूध के धुले तो,आप गवाही देते नहीं फिरते।। हाँ हैं बहुत कमी मगर,आप भी चाँद की चांदनी नहीं,अगर होते आप परिपूर्ण तो,आप पर चाँद की तरह दाग नहीं होते।। हाँ हैं बहुत बुरे मगर,आप भी कुछ अच्छे नहीं,अगर होते आप अच्छे तो,सरेआम हमें बुराContinue reading “अगर-मगर”
