खलिस्ताँ

भारत का गौरव गान सुनकर,सबकी लार टपकती हैं,तुम्हें क्या चाहिये भारत माता से?अब खुलकर के बतलाओ भी,भारत के अमर जवानों को,कब तक तुम आँख दिखाओगे,भारत के सोये सिंह जागे तो,यकीनन खलिस्ताँ कहलाओगे।। हम संवाद भूलकर अब वार करते हैं,हम आतंकवाद का तिरस्कार करते हैं।ए पाकिस्तान तब तक तू नही मानेगा,हम पाकिस्तान का बहिष्कार करते हैं।।Continue reading “खलिस्ताँ”

कश्मीर …..??

काश्मीर के मुदों पर चर्चा रोज हजार हुईं!वो चर्चा एक अभिमानी थी,वो चर्चा एक लाचारी थी,वो चर्चा एक मजबूरी थी,वो चर्चा एक बीमारी थी,वो चर्चा एक अधूरी थी,वो चर्चा एक अधूरी हैं। घाटी के पत्थरबाजों की मनसा थी गद्दारी सी!कह दिया मीडिया अखबारों ने,उन आतंकी गद्दारों पर,क्यों रोज फेंकते पत्थर थे?उन मुस्तेदी पहरेदारों पर।वो रोजContinue reading “कश्मीर …..??”

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