गज़ब अमर भावना की, एक निराली सी परिपाटी हैं।उस अजब निराली परिपाटी की, शौणित हमारी माटि हैं।। राजस्थान की धरती पर, साँगा वीर प्रताप हुए।घमासान सियासी धरती पर, नित हरामी जयचंद हुए।। लोक लाज की रक्षा हेतू, कितने वीर शहीद हुए।सियासत के पगफेरों में, कितने लोक शरीक हुए।। अरे कुछ चंद रुपये ले लेते, देशContinue reading “अंधा भारत”
